dcsimg

चीनी पैंगोलिन ( Hindi )

provided by wikipedia emerging languages

चीनी पैंगोलिन (Chinese pangolin), जिसका वैज्ञानिक नाम मैनिस पेन्टाडैक्टाएला (Manis pentadactyla) है, पैंगोलिन की एक जीववैज्ञानिक जाति है जो उत्तरी भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, उत्तरी हिन्दचीन, ताइवान और दक्षिणी चिन (जिसमें हाइनान द्वीप भी शामिल है) में पाया जाता है।[3] यह पैंगोलिन की आठ जातियों में से एक है और अति-संकटग्रस्त माना जाता है। चीन व पूर्वी एशिया में इसके मांस को खाने से सम्बन्धित कई अन्धविश्वास हैं कि उस से कई रोग ठीक होते हैं हालाकि चिकित्सकों ने इस मान्यता को सरासर झूठ पाया है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार पिछ्ले १५ सालों में इसकी संख्या में ज़बरदस्त गिरावट हुई है।[4]

इन्हें भी देखें

सन्दर्भ

  1. "Manis pentadactyla". IUCN Red List of Threatened Species. Version 2014.2. International Union for Conservation of Nature. 2014. अभिगमन तिथि 2014-07-29.
  2. Linnæus, Carl (1758). Systema naturæ per regna tria naturæ, secundum classes, ordines, genera, species, cum characteribus, differentiis, synonymis, locis. Tomus I (लैटिन में) (10th संस्करण). Holmiæ: Laurentius Salvius. पृ॰ 36. अभिगमन तिथि 23 November 2012.
  3. Schlitter, D.A. (2005). "Order Pholidota". प्रकाशित Wilson, D.E.; Reeder, D.M (संपा॰). Mammal Species of the World: A Taxonomic and Geographic Reference (3rd संस्करण). Johns Hopkins University Press. पृ॰ 530. OCLC 62265494. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8018-8221-0.
  4. "PROJECT PANGOLIN." PROJECT PANGOLIN RSS. N.p., n.d. Web. 18 Oct. 2014.
license
cc-by-sa-3.0
copyright
विकिपीडिया के लेखक और संपादक

चीनी पैंगोलिन: Brief Summary ( Hindi )

provided by wikipedia emerging languages

चीनी पैंगोलिन (Chinese pangolin), जिसका वैज्ञानिक नाम मैनिस पेन्टाडैक्टाएला (Manis pentadactyla) है, पैंगोलिन की एक जीववैज्ञानिक जाति है जो उत्तरी भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा, उत्तरी हिन्दचीन, ताइवान और दक्षिणी चिन (जिसमें हाइनान द्वीप भी शामिल है) में पाया जाता है। यह पैंगोलिन की आठ जातियों में से एक है और अति-संकटग्रस्त माना जाता है। चीन व पूर्वी एशिया में इसके मांस को खाने से सम्बन्धित कई अन्धविश्वास हैं कि उस से कई रोग ठीक होते हैं हालाकि चिकित्सकों ने इस मान्यता को सरासर झूठ पाया है। अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार पिछ्ले १५ सालों में इसकी संख्या में ज़बरदस्त गिरावट हुई है।

license
cc-by-sa-3.0
copyright
विकिपीडिया के लेखक और संपादक